Home   »   1856 से 1947 तक भारत के...

1856 से 1947 तक भारत के वायसरायों की सूची

1856 से 1947 तक का समय भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि रही है, जिसमें ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत का प्रशासनिक ढांचा वायसरायों के नेतृत्व में संचालित हुआ। इस दौर में कई वायसरायों ने अपनी भूमिका निभाई, जिनके कार्यकाल में विभिन्न प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक बदलाव आए। 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश क्राउन ने भारत का सीधा शासन संभाल लिया और वायसराय पद की स्थापना की, जो ब्रिटिश संप्रभुता का प्रतीक था। इन वायसरायों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध, और विभाजन जैसी घटनाओं के दौरान महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए। इस लेख में, हम 1856 से 1947 तक भारत के वायसरायों की सूची और उनके कार्यकालों पर एक दृष्टि डालेंगे।

भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय

1773 के रेगुलेटिंग एक्ट ने फोर्ट विलियम के प्रेसीडेंसी के गवर्नर-जनरल या बंगाल के गवर्नर-जनरल के कार्यालय की स्थापना की, जिसका चयन ईस्ट इंडिया कंपनी के कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स (EIC) द्वारा किया जाना था। 1773-1784 की अवधि के दौरान, निदेशक मंडल ने गवर्नर-जनरल की सहायता के लिए चार (भारत में स्थित) की एक परिषद नियुक्त की, और परिषद के निर्णय गवर्नर-जनरल पर बाध्यकारी थे।

1857 के भारतीय विद्रोह के साथ कंपनी शासन समाप्त हो गया, लेकिन ब्रिटिश भारत और रियासतें ब्रिटिश क्राउन के सीधे प्रशासन के अधीन आ गईं। 1858 में, भारत सरकार अधिनियम ने भारत के मामलों की निगरानी के लिए भारत के राज्य सचिव के कार्यालय की स्थापना की, जिसे 15 सदस्यों (लंदन में स्थित) की एक नई भारतीय परिषद द्वारा सलाह दी गई थी। चार की पुरानी परिषद का नाम बदलकर भारत के गवर्नर-जनरल की परिषद या भारतीय कार्यकारी परिषद कर दिया गया। 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने बाद में भारतीय परिषद को समाप्त कर दिया।

भारत के वायसरायों की सूची

भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान गवर्नर जनरल और वायसराय की भूमिकाएं महत्वपूर्ण थीं। गवर्नर जनरल का पद 1773 में रेगुलेटिंग एक्ट के माध्यम से स्थापित किया गया था, जबकि वायसराय का पद 1858 में भारत सरकार अधिनियम के तहत बनाया गया था। आइए इनके प्रमुख कार्यकालों और योगदानों पर एक नजर डालते हैं।

भारत के गवर्नर-जनरल और वायसराय
गवर्नर-जनरल और वायसराय शासनकाल शासनकाल के दौरान की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
वारेन हेस्टिंग्स 1773-1785
  • रेगुलेटिंग एक्ट-1773
  • पिट्स इंडिया एक्ट-1784
  • वर्ष 1774 का रोहिला युद्ध
  • वर्ष 1775-82 तक प्रथम मराठा युद्ध और वर्ष 1782 में सालबाई की संधि
  • वर्ष 1780-84 में दूसरा मैसूर युद्ध
लॉर्ड कार्नवालिस 1786-1793
  • तीसरा मैसूर युद्ध (1790-92) और श्रीरंगपट्टम की संधि (1792)
  • कॉर्नवॉलिस कोड (1793)
  • बंगाल का स्थायी बंदोबस्त, 1793
लॉर्ड वेलेजली 1798-1805
  • सहायक संधि प्रणाली का परिचय (1798)
  • चौथा मैसूर युद्ध (1799)
  • दूसरा मराठा युद्ध (1803-05)
लॉर्ड मिंटो I 1807-1813
  • रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)
लॉर्ड हेस्टिंग्स 1813-1823
  • एंग्लो-नेपाल युद्ध (1814-16) और सुगौली की संधि, 1816
  • तीसरा मराठा युद्ध (1817-19) और मराठा परिसंघ का विघटन
  • रैयतवाड़ी प्रणाली की स्थापना (1820)
लॉर्ड एमहर्स्ट 1823-1828
  • पहला बर्मा युद्ध (1824-1826)
लॉर्ड विलियम बेंटिक 1828-1835
  • सती प्रथा का उन्मूलन (1829)
  • 1833 का चार्टर एक्ट
लॉर्ड ऑकलैंड 1836-1842
  • पहला अफगान युद्ध (1838-42)
लॉर्ड हार्डिंग I 1844-1848
  • पहला आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46) और लाहौर की संधि (1846)
  • कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधार
लॉर्ड डलहौजी 1848-1856
  • दूसरा आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49)
  • निचले बर्मा का अधिग्रहण (1852)
  • व्यपगत के सिद्धांत (Doctrine of Lapse) का परिचय
  • वुड डिस्पैच (1854)
  • वर्ष 1853 में बॉम्बे और ठाणे को जोड़ने वाली पहली रेलवे लाइन बिछाई गई
  • लोक निर्माण विभाग (PWD) की स्थापना
लॉर्ड कैनिंग 1856-1862
  • वर्ष 1857 का विद्रोह
  • वर्ष 1857 में कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना
  • ईस्ट इंडिया कंपनी का उन्मूलन और भारत सरकार अधिनियम, 1858 (Government of India Act, 1858) द्वारा ब्रिटिश क्राउन का प्रत्यक्ष नियंत्रण
  • 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम
लॉर्ड जॉन लॉरेंस 1864-1869
  • भूटान युद्ध (1865)
  • कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना (1865)
लॉर्ड लिटन 1876-1880
  • वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878)
  • शस्त्र अधिनियम (1878)
  • दूसरा अफगान युद्ध (1878-80)
  • क्वीन विक्टोरिया ने ‘कैसर-ए-हिंद’ या भारत की साम्राज्ञी की उपाधि धारण की
लॉर्ड रिपन 1880-1884
  • वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट का निरसन (1882)
  • पहला कारखाना अधिनियम (1881)
  • स्थानीय स्वशासन पर सरकार का संकल्प (1882)
  • इलबर्ट बिल विवाद (1883-84)
  • शिक्षा पर हंटर आयोग (1882)
लॉर्ड डफरिन 1884-1888
  • तीसरा बर्मा युद्ध (1885-86)
  • भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस की स्थापना (1885)
लॉर्ड लैंसडाउन 1888-1894
  • कारखाना अधिनियम (1891)
  • भारतीय परिषद अधिनियम (1892)
  • डूरंड आयोग की स्थापना (1893)
लॉर्ड कर्ज़न 1899-1905
  • पुलिस आयोग की नियुक्ति (1902)
  • विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति (1902)
  • भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904)
  • बंगाल का विभाजन (1905)
लॉर्ड मिंटो II 1905-1910
  • स्वदेशी आंदोलन (1905-1911)
  • सूरत अधिवेशन में काॅन्ग्रेस का विभाजन (1907)
  • मुस्लिम लीग की स्थापना (1906)
  • मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909)
लॉर्ड हार्डिंग II 1910-1916
  • बंगाल विभाजन रद्द करना (1911)
  • कलकत्ता से दिल्ली राजधानी स्थानांतरण (1911)
  • हिंदू महासभा की स्थापना (1915)
लॉर्ड चेम्सफोर्ड 1916-1921
  • लखनऊ संधि (1916)
  • चंपारण सत्याग्रह (1917)
  • माॅन्टेग्यू की अगस्त घोषणा (1917)
  • भारत सरकार अधिनियम (1919)
  • रौलट एक्ट (1919)
  • जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919)
  • असहयोग और खिलाफत आंदोलन की शुरुआत
लॉर्ड रीडिंग 1921-1926
  • चौरी-चौरा की घटना (1922)
  • असहयोग आंदोलन को वापस लेना (1922)
  • स्वराज पार्टी की स्थापना (1922)
  • काकोरी ट्रेन डकैती (1925)
लॉर्ड इरविन 1926-1931
  • साइमन कमीशन का भारत आगमन (1927)
  • हरकोर्ट बटलर भारतीय राज्य आयोग (1927)
  • नेहरू रिपोर्ट (1928)
  • दीपावली घोषणा (1929)
  • काॅन्ग्रेस का लाहौर अधिवेशन (पूर्ण स्वराज संकल्प) 1929
  • दांडी मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
  • पहला गोलमेज सम्मेलन (1930)
  • गांधी-इरविन पैक्ट (1931)
लॉर्ड विलिंगडन 1931-1936
  • सांप्रदायिक अधिनिर्णय (1932)
  • दूसरा और तीसरा गोलमेज सम्मेलन (1932)
  • पूना पैक्ट (1932)
  • भारत सरकार अधिनियम-1935
लॉर्ड लिनलिथगो 1936-1944
  • द्वितीय विश्व युद्ध (1939) के शुरू होने के बाद काॅन्ग्रेस के मंत्रियों का इस्तीफा
  • त्रिपुरी संकट और फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन (1939)
  • मुस्लिम लीग का लाहौर संकल्प (मुसलमानों के लिये एक अलग राज्य की मांग) 1940
  • अगस्त प्रस्ताव (1940)
  • भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन (1941)
  • क्रिप्स मिशन (1942)
  • भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
लॉर्ड वैवेल 1944-1947
  • सी. राजगोपालाचारी का सीआर फॉर्मूला (1944)
  • वैवेल योजना और शिमला सम्मेलन (1942)
  • कैबिनेट मिशन (1946)
  • प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस (1946)
  • क्लीमेंट एटली  द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति की घोषणा (1947)
लॉर्ड माउंटबेटन 1947-1948
  • जून थर्ड प्लान (1947)
  • रेडक्लिफ आयोग (1947)
  • भारत को स्वतंत्रता (15 अगस्त 1947)
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी 1948-1950
  • भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल और  प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे
  • वर्ष 1950 में स्थायी रूप से यह पद (गवर्नर-जनरल) समाप्त कर दिया गया

 

सभी Railway Exams Crack करे With Railway Mahapack
pdpCourseImg 500 Hrs Online Live Classes
445 Test Series
438 E-Books
4897 Videos
Experienced Faculties

FAQs

भारत में प्रथम वायसराय कौन था?

भारत के पहले वायसराय लॉर्ड कैनिंग थे। 1858 से 1862 तक कुल चार वर्ष वे इस पद पर रहे।

भारत का वायसराय किसने नियुक्त किया?

ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल को वायसराय की उपाधि से बदल दिया गया और ब्रिटिश सरकार की सलाह के आधार पर राजा द्वारा व्यक्तियों को चुना गया।